Friday, October 24, 2008



जीवन छ्न्द (कविता संग्रह)
जीवन छन्द की कविताएघ् जीवन से सरोकार स्थापित करने की कविताएघ् हैं। मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को येे कविताएघ् कई स्तरों पर छूती हैं। पठक सहज ही कविता के भाव सिंन्धु में परत - दर - परत उतरता चला जाता है।कवि जहाघ् एक ओर अपनी कविताओं के माध्यम से पाठक को जीवन से साक्षात्कार कराने की चेष्टा की है वहीं दूसरी ओर सामाजिक यथार्थ से भी परिचित कराया है। भाव, विचार और यथार्थ की दृष्टि से कवि कलानाथ जी की कविताएघ् विलक्षण है।कलानाथ मेरे प्रिय कवि हैं। उनकी कविताएघ् जिस व्यापक सत्य से, सामाजिक अनुभव से सम्पृक्त करती हैं, उनकी व्याप्ति, गहराई, सच्चाई की पहचान के साथ पाठक की हैसियत से यह भी लगता है कि यह सच याकि यह अनुभव, है तो हमारा ही, हमारे जीवन का, हमारे बीच का है पर यदि कवि की प्रतिभा ने उसका सम्प्रेषण हम तक न किया होता, उसकी ऐसी सजीव पहचान हमें न कराई होती, तो वह अलक्षित ही रह जाता। कलानाथ की कविताएघ् रोशनदान हैं। कविता की एक-एक पंक्ति को पढ़कर साहिल के शब्दों में अपनी यह स्वाभाविक प्रतिघ्यिा होगी - 'ले के हर बूंद निकलती है हथेली पे चिराग।`अज्ञेय ने ऐसे शक्ति सम्पन्न रचनाकारों को महान कहा है। मैं कलानाथ जी को इस दृष्टि से महत्वपूर्ण मानता हूघ्। कलानाथ ने अपनी कविताओं में जो सत्य उद्घाटित किया है वह न केवल हमारे व्यापकतम अनुभव के क्षेत्र का है, बल्कि यदि उन्होंने न दिखाया होता तो अनदेखा रह जात, पर एक बार दिखजाने के बाद वह कभी ओझल होने वाला नहीं है।कथ्य की शक्तिमघा के साथ कथन की यथा सम्भव अकृतिमता कलानाथ की कविता की एक खास विषेशता मानी जा सकती है। इनकी कविताओ को पढ़कर आप यह घोषित नहीं कर सकते की कवि-कर्म सरल हो गया है। अमर कुमार सिंह
निदेशक
बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी
पटना

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